पीआईए फ्लाइट 544 का अपहरण: तनाव और जीत की कहानी
25 मई 1998 में एक दो होती सामान्य सी दिखने वाली उड़ान एक बहुत ही ज़्यादा ख़तरनाक घटना में बदल गई जिसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में दोनों का ध्यान बहुत ही ज़्यादा अपनी तरफ़ आकर्षित कर लिया हुआ था पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस की फ़्लाइट 544 ग्वादर हवाई अड्डे से उड़ान भरने की तैयारी कर रही थी पर चालक और यात्रियों को इसका कुछ भी अंदाज़ा नहीं था कि उसमें तीन अपहरण कर्ता बैठे हुए थे
तूफ़ान से पहले वाली की शांति
फ़्लाइट 544 एक छोटा विमान था जिसे तुरबत से ग्वादर के लिए उड़ान भरनी थी कि यह उड़ान हमेशा की तरह सामान्य सी उड़ान थी जिसमें 27 यात्री और चालक दल के पाँच लोग ऐसे संदेश उस विमान में मौजूद थे हालाँकि पाकिस्तानी अधिकारियों के लिए माहौल बिलकुल भी असामान्य नहीं था क्योंकि देश अपने पहले परमाणु परीक्षण से बस कुछ ही दूर था दूर था ( पीआईए फ्लाइट 544 का अपहरण: तनाव और जीत की कहानी )
सन्दर्भ को समझना
अपहरन होने के तीन दिन बाद 28 मई 1998 पाकिस्तान ने बलूचिस्तान के चगई ज़िले में अपना पहला परमाणु परीक्षण करने की योजना बनायी हुई थी यह परीक्षण देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण होने वाला था ख़ास करके इसलिए क्योंकि भारत ने हाल ही में उस मंदी की शुरुआत में अपना परमाणु परीक्षण किया हुआ था इसलिए पाकिस्तान सरकार अपनी परमाणु क्षमता ओं को प्रदर्शित करने के लिए बहूत ही दबाव में आ चुकी थी और किसी भी परिस्थिति में गंभीर परिणाम हो सकती थे ( पीआईए फ्लाइट 544 का अपहरण: तनाव और जीत की कहानी )
अपहरण शुरू होता है
विमान उड़ान भरने के तुरंत बाद यात्रियों में से एक को पेट में घुसने का प्रयास करता है फ़्लाइट अटेंडेंट द्वारा उसे रोकने के प्रयासों के बावजूद भी हुआ पिस्तौल लहराते हुए यह घोषणा करते हुए आगे बढ़ता है कि विमान का अपहरण किया गया है और यह कहते हुए वो सफलतापूर्वक कॉकपिट में घुस जाता है अन्य 2 अपहरण कर्ता जो भी अपने पास शस्त्र लेके आ चुके थे उन्होंने भी जल्दी से केबिन पर नियंत्रण कर लिया था और यात्रियों को चालक दल को हिंसा की धमकी भी दी थी ( पीआईए फ्लाइट 544 का अपहरण: तनाव और जीत की कहानी )
अपहरणकर्ताओं की कुछ माँगे
अपहरण कर्ता की प्रामाणिक और मुख्य माँगी है थीं कि विमान को कराची से नई दिल्ली की ओर मोड़ना चाहिए उन्होंने अपने मन में ये तय कर लिया था कि अपने उद्देश्य के लिए अंतरराष्ट्रीय ध्यान अपनी तरफ़ आकर्षित करना चाहिए ताकि जो बलूचिस्तान में चल रहे संघर्ष में नहींत था यह क्षेत्र दर्शकों से पाकिस्तानी सरकार से स्वायत्तता की माँग कर रहा था और अपहरणकर्ताओं ने इस बात को अपनी दुर्दशा के बारे में जागरुकता बढ़ाने के साधन के रूप में देखा हुआ था ( पीआईए फ्लाइट 544 का अपहरण: तनाव और जीत की कहानी )
तनाव बढ़ता गया
जैसे स्थिति सामने आ रही थी विमान चालक दल और यात्री बहुत ही जाता है भाई की स्थिति में आ रही थी क्योंकि अपहरण कर्ता होनी चेतावनी दी कि अगर उनकी माँगें पूरी नहीं कर दी गई तो वो विमान में विस्फोट कर देंगे जिससे उसमें से एक यात्री ने अपने शरीर पर विस्फोटक को को बाँध रखा था अपने यात्रियों की सुरक्षा के लिए उत्सुक पायलटों को एक महत्वपूर्ण निर्णय का सामना करना पड़ रहा था ( पीआईए फ्लाइट 544 का अपहरण: तनाव और जीत की कहानी )
योजना का अवलोकन करना
पायलट कैप्टन उजैर ख़ान ने अपहरणकर्ताओं को चतुर ताई से सूचित कर दिया कि विमान में नई दिल्ली तक पहुँचने के लिए उतना ईंधन नहीं है और भारत में एक हवाई अड्डे पर ईंधन भरने का उसने सुझाव किया था हालाँकि उनके पास उनकी भी अपनी योजना ठीक है भारतीय अधिकारियों से संपर्क करने की बजाय को नियंत्रण टावर को संकेत दिया कि विमान का अपहरण किया गया है जिससे अधिकारियों को स्थिति के लिए तैयार होने का मौक़ा मिल जाये ( पीआईए फ्लाइट 544 का अपहरण: तनाव और जीत की कहानी )
भ्रामक लैंडिंग
अपहरणकर्ताओं को लगा कि वह भारतीय हवाई अड्डे पे उतर रहे हैं लेकिन वास्तव में उन्हें पाकिस्तान के हाई हैदराबाद हवाई-अड्डे पर भेजा गया था जैसे ही विमान उतरा हवाई अड्डे के अधिकारियों ने सबसे ख़राब स्थिति के लिए तैयारी करते हुए आपातकालीन प्रोटोकॉल को शुरू कर दिया था ( पीआईए फ्लाइट 544 का अपहरण: तनाव और जीत की कहानी )
एक ग़लत माहौल बनाना
अपहरणकर्ताओं को और अधिक धोखा देने के लिए हवाई अड्डे के कर्मचारियों ने हवाई-अड्डे के सभी पहचान चिन्हों को हटा हटा दिया और यहाँ तक कि हवाई अड्डे की इमारत का नाम को भी छिपा दिया गया था उन्होंने पाकिस्तानी झंडे की जगह भारतीय झंडा लगाया दिया था कि ऐसा लगे कि वास्तव में वह भारत में ही लैंड कर चुके हैं कि यह त्वरित सोच अपहरणकर्ताओं को ब्रह्म को बनाए रखने के लिए और अधिकारियों को प्रतिक्रिया देने के लिए समय ख़रीद ने में महत्वपूर्ण था ( पीआईए फ्लाइट 544 का अपहरण: तनाव और जीत की कहानी )
गतिरोध
उतरने के तुरंत ही बार अपहरणकर्ताओं ने विमान का नियंत्रण बनाए रखा था जबकि हवाई-अड्डे के अधिकारी संचार स्थापित करने के लिए उनका काम कर रहे थे तनाव बहुत अधिक था और स्थिति अनिश्चित थी अपहरणकर्ताओं को लगा कि उन्होंने अपने योजना को सफलतापूर्वक अंजाम दे दिया है इसलिए उन्होंने भोजन और पानी की माँग करना शुरू कर दिया अपहरणकर्ताओं को ऐसा लगा कि उन्होंने अपनी योजना को सफलतापूर्वक अंजाम दे दिया है इसलिए उन्होंने भोजन और पानी की माँग करना शुरू कर दिया था ( पीआईए फ्लाइट 544 का अपहरण: तनाव और जीत की कहानी )
विश्वास का निर्माण करना
पुलिस अधिकारी हवाई-अड्डे के कर्मचारियों के वेश में आ चुके थे और अपहरणकर्ताओं को उनसे अनुरोध को पूरा करने के लिए सम्पर्क कर रहे थे वे दोस्ताना बातचीत में लगे हुए थे धीरे धीरे अपहरणकर्ताओं के साथ उन्होंने विश्वास का निर्माण किया जल्द ही पुलिस वालों को एक एहसास हो चुका था कि जल्द से जल्द उन्हें कार्रवाई करनी ज़रूरी है क्योंकि भरोसा क़ायम होने के बाद उन्होंने एक आश्चर्यजनक हमला किया और अधिकारियों ने एक तेज़ी जारी में अपहरणकर्ताओं को पूरी तरह से क़ाबू कर दिया था बिना किसी नुक़सान से उन्होंनेय ये हमला पूरा करके दिखाया हुआ था ( पीआईए फ्लाइट 544 का अपहरण: तनाव और जीत की कहानी )
परिणाम
ये पूरी घटना बिना किसी स्थान से समाप्त हो गई जो अधिकारियों की प्रभावी प्रतिक्रिया का एक अच्छा प्रमाण था यात्रियों को एक भी नुक़सान नहीं पहुँचा और अपहरणकर्ताओं को गिरफ़्तार कर लिया गया और बाद में उनकी पहचान बलूच के रूप में की गई थी यह अपहरण बलूचिस्तान में चले आ रहे तनाव और लोगों द्वारा अपनी मौत पर ध्यान आकर्षित करने के लिए याद दिलाता है ( पीआईए फ्लाइट 544 का अपहरण: तनाव और जीत की कहानी )